BED Students Good News : बीएड वालों के लिए खुशखबरी! अब शिक्षक भर्ती में बदल गया 104 साल पुराना नियम

क्या आपने भी बीएड किया है और लंबे समय से शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रहे हैं? तो ये खबर आपके लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है! सरकार ने 104 साल पुराने नियम में ऐतिहासिक बदलाव कर दिया है, जिससे लाखों बीएड डिग्रीधारकों को बड़ा फायदा मिलने वाला है। अब शिक्षक बनने का रास्ता आसान हो गया है। पढ़िए पूरी खबर और जानिए आखिर क्या है यह नया नियम

क्या था पुराना नियम, और क्यों थी परेशानी?


दरअसल, अब तक शिक्षक बनने के लिए प्राथमिक विद्यालयों में सिर्फ D.El.Ed (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) करने वालों को ही पात्र माना जाता था। B.Ed (बैचलर ऑफ एजुकेशन) डिग्रीधारकों को केवल उच्च प्राथमिक या माध्यमिक विद्यालयों के लिए योग्य माना जाता था। इससे लाखों बीएड अभ्यर्थी प्राइमरी लेवल पर शिक्षक बनने से वंचित रह जाते थे। यह नियम लम्बें समय से चला आ रहा था, जिसे अब बदला गया है।

अब क्या है नया नियम?


अब केंद्र सरकार द्वारा घोषित बदलाव के तहत बीएड धारकों को भी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने की पात्रता दी गई है। यानी अब बीएड वाले भी पहली से पांचवीं कक्षा तक पढ़ाने के लिए आवेदन कर सकते हैं — बशर्ते उन्होंने CTET या राज्य की TET परीक्षा पास कर रखी हो। यह फैसला न केवल न्यायपूर्ण है बल्कि योग्य और प्रशिक्षित युवाओं के लिए नई उम्मीदें लेकर आया है।

क्यों लिया गया यह फैसला?


शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि बीएड धारकों में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षण की क्षमता होती है। साथ ही देश में बढ़ती शिक्षक की कमी को दूर करने के लिए यह कदम बेहद जरूरी था। इससे भर्ती प्रक्रिया में और अधिक योग्य उम्मीदवारों को शामिल किया जा सकेगा।

4512 स्कूलों में भर्ती का रास्ता साफ


यूपी के 4512 एडेड हाईस्कूल और इंटर कॉलेज में शिक्षक बहाली के लिए अब एक जैसे नियम होंगे। पहले एक ही बोर्ड के दो अलग स्कूलों में अलग-अलग योग्यता मांगी जाती थी, जिससे काफी विवाद होता था। अब यह समस्या भी खत्म हो गई है। हालांकि कुछ खास विषय जैसे गृह विज्ञान, सिलाई, वाणिज्य और सैन्य विज्ञान में अभी भी बीएड की अनिवार्यता नहीं रखी गई है। इसके अलावा कला विषय में भी बीएफए जैसी डिग्रियों को मान्यता दी गई है।

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