अगर आप जमीन खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। सरकार ने 21 अप्रैल 2025 से जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए हैं, जिससे अब यह प्रक्रिया और भी आसान, पारदर्शी और सुरक्षित हो गई है। इन नए नियमों के तहत अब आपको लंबी लाइनों में खड़े होने या भारी-भरकम फाइलें लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी। तो आइए जानते हैं कि ये चार नए नियम क्या हैं और ये आपकी जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया को कैसे प्रभावित करेंगे
डिजिटल रजिस्ट्री प्रक्रिया
अब जमीन की रजिस्ट्री पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। इसके लिए आपको सरकारी पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा और सभी आवश्यक दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करने होंगे। इसके बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से पूरी की जाएगी और आपको तुरंत डिजिटल सर्टिफिकेट मिल जाएगा। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए खरीदार और विक्रेता दोनों का आधार कार्ड लिंक करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन भी किया जाएगा, जिससे फर्जीवाड़े और बेनामी संपत्ति के मामलों पर रोक लगेगी। यह कदम रजिस्ट्री प्रक्रिया को और भी सुरक्षित बनाएगा।
रजिस्ट्री की वीडियो रिकॉर्डिंग
अब रजिस्ट्री प्रक्रिया के दौरान सभी पक्षों की सहमति की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। यह रिकॉर्डिंग भविष्य में किसी विवाद की स्थिति में सबूत के रूप में काम आएगी और जबरदस्ती या धोखाधड़ी की संभावना को कम करेगी। अब स्टांप ड्यूटी और अन्य फीस का भुगतान ऑनलाइन किया जा सकेगा। इसके लिए ई-स्टांपिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे कैश लेन-देन की जरूरत खत्म हो जाएगी और सभी ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड ऑनलाइन रहेगा। यह कदम भ्रष्टाचार को कम करने में मदद करेगा।
नए नियमों के तहत जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया
- सरकारी पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा
- इसके बाद सभी आवश्यक दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करने होंगे।
- फीस का भुगतान UPI, नेट बैंकिंग या कार्ड के माध्यम से करना होगा।
- जमीन रजिस्ट्री संबधित दस्तावेजों की सरकारी अधिकारी के द्वारा ऑनलाइन वेरिफिकेशन प्रक्रिया की जाएगी।
• अब आपको आधार कार्ड के माध्यम से फिंगरप्रिंट और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन होगा। - रजिस्ट्री प्रक्रिया के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी, एवं रजिस्ट्रार डिजिटल सिग्नेचर करेगा।
- और फिर जमीन रजिस्ट्री के तुरंत बाद डिजिटल सर्टिफिकेट मिलेगा।
इन नए नियमों के लागू होने से जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया न केवल आसान और तेज होगी, बल्कि इसमें पारदर्शिता और सुरक्षा भी बढ़ेगी। अब आपको रजिस्ट्रार ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और सारी प्रक्रिया घर बैठे पूरी हो सकेगी। यह कदम डिजिटल इंडिया की दिशा में एक बड़ा प्रयास है, जिससे आम नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा। तो यदि आप जमीन खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं, तो इन नए नियमों को ध्यान में रखते हुए अपनी रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरा करें और सरकारी सुविधाओं का पूरा लाभ उठाएं।